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ABOUT SCHOOL

लोयोला उच्च विद्यालय चोईरा येसु संघी पुरोहितों द्वारा प्रबन्धित  एवं संचालित एक धlर्मिक अल्प संख्यक संस्था है । इसकी स्थापना सन्  1998 को हुई थी । इस विद्यालय को सन् 2009 में विभागीय स्थापना अनुमति मिली । आदिवासी एवं काथलिक ईसाई विद्यार्थियों को शिक्षा हेतु प्रवेश में प्राथमिकता दी जाती है ।

Our Vission

लोयोला हाई स्कूल चोईरा के शिक्षकवृंद संगठित रूप से बेहतर प्रयास द्वारा अपने छात्रा-छात्राओं, विशेषकर ग्रामीण विद्यार्थियों को, अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने वाली मानवीय, आध्यात्मिक, नैतिक, तकनीकी, सृजनात्मक, गुणात्मक शिक्षा प्रदान कर आत्मनिर्भर एवं दूसरों के लिए प्रेरणाश्रोत बनाना चाहते हैं ।
1. हम अपने विद्यार्थियों को चरित्रावान बनाएँगे ।
2. हम विद्यालय के गरीब और विकलांग छात्रा-छात्राओं की मदद करेंगे तथा उन्हें प्रोत्साहन देंगे ।
3. हम विद्यालय के विद्यार्थियों को नैतिक मूल्यों के प्रति जागरूक बनायेंगे ।
4. हम अपने प्रत्येक कार्य समय पर करेंगे, जिससे बच्चे प्रेरणा ले कर समय के महत्त्व को समझ सकें ।
5. हम प्रत्येक वर्ग की अच्छी तैयारी करेंगे तथा वर्ग को रूचिकर बनायेंगे।
6. हम नैतिक मूल्यों के साथ अपना जीवन बिताएंगे ताकि विद्यार्थी उससे प्रेरणा ले सकें ।
7. हम अपने ज्ञान में लगातार वृद्धि करते रहेंगे, जिससे छात्रा-छात्राओं को भी नई जानकारी मिलती रहे ।
8. हम अपने सकारात्मक कार्य-कलापों द्वारा छात्रा-छात्राओं का सर्वांगीण विकास करेंगे ।
9.हम विद्यालय में छात्रा‐छात्रााओं से पहले प्रवेश करेंगे तथा छुट्‌टी होने पर उनके जाने के बाद विद्यालय से जाएंगे ।

Our History

लोयोला उच्च विद्यालय चोईरा येसु संघी पुरोहितों द्वारा प्रबन्धित एवं संचालित एक धlर्मिक अल्प संख्यक संस्था है । इसकी स्थापना सन् 1998 को हुई थी । इस विद्यालय को सन् 2009 में विभागीय स्थापना अनुमति मिली । आदिवासी एवं काथलिक ईसाई विद्यार्थियों को शिक्षा हेतु प्रवेश में प्राथमिकता दी जाती है ।
 
विद्यालय का लक्ष्य है छात्रा-छात्राओं को आत्मिक, मानसिक, नैतिक,शारीरिक और सामाजिक शिक्षा प्रदान करना ताकि उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण एवं  सामंजस्ययुक्त विकास हो और वे समाज तथा देश के जागरूक एवं उत्तरदायी नागरिक बन सकें ।
 
सत्य, ज्योति, जीवन, ‘‘ अपने पड़ोसी को अपने समान प्यार करो ’’ यह इस विद्यालय का आदर्श वाक्य है । इस सिद्धांत के मद्देनजर छात्रा-छात्राओं के जीवन को आदर्श बनाने का प्रयास पढ़ने-लिखने, खेलने, काम करने आदि के समय में किया जाता है । ‘‘दूसरों को सोचो दूसरों को समझो’’।
 
जब छात्रा-छात्राएँ इन विचारों को अपना जीवन-प्रकाश समझ लेते हैं तब उनमें उत्तरदायित्व के साथ सेवार्थ नेतृत्व आ जाता है ।
 
छात्रा-छात्राओं को इनकी व्यावहारिक शिक्षा देने के लिए विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ अन्य क्रिया कलापों पर भी जोर दिया जाता है ।

OUR UPCOMING EVENTS

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OUR EXPERIENCED STAFFS

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SCHOOL FACILITIES

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